कोई भी अपनी आत्मकथा लिख सकता है। उसके लिए विशिष्ट या बड़ा होना जरूरी नहीं। हरियाणा राज्य के गुड़गाँव में घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली बेबी हालदार की आत्मकथा ‘‘आलो आंधारि’’ बहुतों के द्वारा सराही गई। आत्मकथात्मक शैली में अपने बारे में कुछ लिखिए।


मैं कक्षा 10 वीं का विद्यार्थी हूँ| मुझे विद्यालय जाने, शिक्षा ग्रहण करने में काफी रूचि है| विज्ञान मेरा प्रिय विषय है| इसके पीछे यह कारण है कि विज्ञान को पढ़कर हम प्रकृति में होने वाली घटनाओं को असल में समझ सकते हैं कि उनके घटने के पीछे क्या कारण था| इसके अलावा मैं विद्यालय में होने वाली अन्य गतिविधियों में भी भाग लेता हैं जैसे कि-नृत्य, संगीत, खेल| संगीत में मेरी काफी रूचि है| संगीत आपके जीवन को सुखद और रोचक बना देता है| में घर में अथवा रास्ते में चलते हुए या फिर खाली वक्त में गाने गुनगुनाता रहता था| कुछ वक्त के बाद धीरे-धीरे मैंने विद्यालय के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक गायक के तौर पर भाग लेना शुरू कर दिया| मैं अपने माता-पिता से बहुत प्रेम करता हूँ| विद्यालय से घर आकर में बहुत सारा वक्त अपनी माँ के साथ गुजारता हूँ| मेरे और मेरी माँ के बीच गहरा प्रेम संबंध है| में उनकी उनके घरेलु कार्यों में लगातार मदद करता हैं इसके पीछे उद्देश्य सिर्फ यही होता है कि उनके साथ अधिक से अधिक वक्त बिताया जा सके ताकि मैं उनके प्रेम का आनंद ले सकूँ|


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